लव-मैरिज
उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट इलाहबाद ने सरकार को निर्देश दिया है कि कि लव-मैरिज करने वाले जोडो मे पुरुष को रु०५००००(प्चास हज़ार मात्र) स्त्री के नाम ३ वर्ष की एफ़०डी० करनी पडेगी ताकि उसका जीवन सुरछित रहे ! यदि ३ वर्ष तक स्त्री की सही तरीके से देख भाल करता है तो रक्म वापिस कर दी जायेगी, अन्यथा उत्पीडन अथवा तलाक के बाद स्त्री उसका उपयोग कर सकेगी !
यह एक सराहनीय कदम एवम चिरस्थाई समाधान है दहेज लोलुपता और तलाक की बढती हुई प्रवॄत्ति पर अंकुश लगाने के लिये एवम उन मन्चले लड्कों पर अंकुश लगाने का भी काम करेगा जो दो दिन मोबाइल या इन्टर्नैट पर चैटिग के बाद ,वासना के वशीभूत लड्कियों को बहला-फ़ुसला कर घर वालो की रज़ामन्दी के बगैर शादी कर लेते है ! जब १-२ साल मे भूत उतर जाता है और परिवार और समाज के सहयोग की आवश्यकता होती है तो उत्पीडन शुरू कर देते है! किसी का हस्तछेप और मधय्स्तता ना होने के कारण ऐसी स्थिति पैदा हो जाती है कि तलाक ही एक मात्र समाधान रह जाता है और शादी जैसे पवित्र बन्धन का असतित्व ही समाप्त हो जाता है! आज आगरा जैसे छोटे शहरों मे भी प्रतिदिन तलाक के ५ नये मुकदमे दायर होते है मैट्रोज़ मे स्थिति अत्यन्त भयावह रूप ले चुकी है जिसकी परिणति कभी-कभी आत्म हत्या के रूप मे होती है! अतः मेरे विचार से केन्द्र सरकार को इस पर गम्भीरता से चिन्तन कर शीघ्रातिशीघ्र कानून लाना चाहिये !
बोधिसत्व कस्तूरिया
एड्वोकेट
२०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७
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